‌‌‌ढ से शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌‌ढ से शुरु होने वाले मुहावरे  Dh se shuru hone vale muhavare की लिस्ट हम यहां पर दे रहे हैं। यदि आपको कोई ढ से शुरू होने वाले मुहावरे के बारे मे जानकारी चाहिए तो नीचे देखें।

  • ‌‌‌ढंग का होना -कतिे का होना, ठीक होना । वाक्य – मकान तो ढग का है परन्तु किराया अधिक है ।
  • ढग निकालना – कोई रास्ता या युक्ति मालूम करना । वाक्य – ढग निकालो तो इसे भी कर डाला जाय ।
  • ढग पर चढना – अपने स्वार्थ के अनुकूल होना । वाक्य – इस वक्त वह ढग पर चढा है जो कुछ करना हो कर लो ।
  • ढंग पर लाना – अपने स्वार्थ के अनुकूल ‌‌‌चढना – होना । वाक्य – इस वक्त वह ढग पर चढा है, जो कुछ करना हो कर लो ।
‌‌‌ढ से शुरु होने वाले मुहावरे
  • ढंग पर लाना – अपने काम  के याग्य बनाना । वाक्य – बडे परिश्रम से यह बंजर भूमि ढग पर लाई गई है, अब इसमे कुछ पैदा होगा ।
  • ढंग बरतना – दिखावटी बर्ताव करना। वाक्य – समय पडने पर ढग बरतना सभी को आता है ।
  • ढंग से बरतना – मितव्ययिता से काम करना । ‌‌‌वाक्य – केवल 124 रु तो पाता है, यदि ढग से न बरते तो कैसे काम चले ।
  • ढकोसला होना – उपरी बनावट होना । वाक्य – तुम भी किस चक्कर मे पडे हो यह सब ‌‌‌स्ति्रयों के ढकासले है ।
  • ढचर बांधना – बहुत आड बर फैला रखना । वाक्य – ज्यादा ढचर बांधना भी ठीक नही है ।
  • ढढ्ढू का पाडा होना – उम्र मे काफी बडा होना । वाक्य – ढढ्ढू का पाडा हो गया पर अकल ‌‌‌नही आई ।
  • ढब आना – किसी काम के करने का तरीका मालूम होना । वाक्य – अब इस काम का ढब आ गया ।
  • ढब की बात – मोके की बात । वाक्य – ढक की बात करो तो सभी मानेगे, इधर उधर की करने से क्या लाभ ।
  • ढब डालना – अच्छी या बुरी आदत डालना । वाक्य – यह तुमने अपने लडके मे कैसे ढब डाला है किसी से कुछ बोलता ही नही ।
  • ढब पर चढना – काबू मे आना । ‌‌‌वाक्य – इश्क के ढब पर न कोई बजुज इन्सान चढा ।
  • ढब पर चढाना – इस अनुकूल बनाना कि अपना काम निकल सके । वाक्य – उसे किसी तरह ढब पर चढाओ नही तो हानि होगी ।
  • डय पडना – अचानक आकर ठहर जाना । वाक्य – तुम यहां ढय पडे मुझे तो यह पता भी नही था कि तुम आने वाले हो ।
  • ढर्रा डालना – आदत डालना । वाक्य – उसने चलने का ढर्रा डाल रखा है ।
  • ढर्रे ‌‌‌ढलती फिरती छाया – ऐसी चीज जो छाया की तरह स्थायी हो । वाक्य – जवानी ढलती फिरती छाया है, इस पर गर्व न करो ।
  • ढांसना – खासना, कुत्ते की तरह खासना । वाक्य – क्या ढांस रहे हो किसी डाक्टर को दिखाओ ।
  • ‌‌‌ड से शुरु होने वाले मुहावरे list -1
  • ‌‌‌ठ से शुरु होने वाले मुहावारे list -1
  • ‌‌‌‌‌‌ट से शुरु होने वाले मुहावरे list-1
  • झ से शुरु होने वाले मुहावरे list -2
  • झ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1‌‌‌
  • ढाई ईट की मस्जित अलग बनाना – जो सब कहे, उसके विरुद्ध कहना । वाक्य – ढाई ईंट की अपनी मस्जिद अलग न बनाओ सबके साथ चलो ।
  • ‌‌‌ढीला पड जाना – सुस्त हो जाना । वाक्य – क्यो ढीले पड गये हो नया बीमार हो ।
  • ढीली आंख – मद भरी चितवन, अधखुली आंख । वाक्य – देह लग्यो ढिग गेहपति, तडनेह निरवाहि ढीली अंखियन ही इते गई करखियन चाहि ।
  • ढंका देना – छिपकर देखना । वाक्य – वह ढका देकर देख रहा है ।
  • ढंढे न पाना – बिल्कुल पता न लगाना । वाक्य – जो पूछना हो पूछो लो ‌‌‌नही तो उन्हे काम मे ढंढे न पाओगे ।
  • ‌‌‌ढा देना – गिरा देना । वाक्य – उसने इस दीवाल को इतनी मेहनत से बनाई थी पर इजीनियर ने उसे ढा देने की आज्ञा दे दी ।

क्या दोस्तो आपको यह पूरी लिस्ट याद हो चुकी है । अगर याद नही हुई है तो इसका मतलब है की आपने इसे सही तरह से पढा नही है  । क्योकी आपको मुहावरे के साथ उसके वाक्य में प्रयोग भी पढना चाहिए और वही आपको मुहावरो को सही तरह से याद करवा सकते है ।

दोस्तो इस लिस्ट में आपने ‌‌‌ढ से शुरु होने वाले मुहावरे के बारे मे तो जाना है मगर आपने देखा होगा की इसमें जो ​मुहावरे है वे काफी अधिक है और यही कारण है की हमारे ब्लॉग में दिए गए मुहावरे हर कोई पढना चाहते है  ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।