पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ

पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ pani ka bulbula hona muhavare ka arth — क्षणभंगुर होना या थोड़ी देर का होना ।

दोस्तो आपने देखा होगा की कई बार पानी जो होता है उसका बुलबुला बन जाता है जो की कुछ ही समय में नष्ट हो जाता है या फिर कह सकते है की वह बुलबुला थोडी सी देर का होता है ।

और इस तरह से कुछ ही पलों में नष्ट हो जाने वाले को क्षणभंगुर कहते है और इस तरह से कहा जा सकता है की पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ क्षणभंगुर होना होता है । क्योकी मुहावरा और अर्थ दोनो एक ही तरह के अर्थ को दर्शाते है ।

पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ

पानी का बुलबुला होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || pani ka bulbula hona  use of idioms in sentences in Hindi

1.   महान ज्ञानी संत लोगो का कहना है की यह जो जीवन है वह एक पानी का बुलबुला की तरह है ।

2.   देखो भाई मेरा तो यही मानना है की जब तक जीवन है अच्छे कर्म कर लेने चाहिए क्योकी यह जीवन पानी का बुलबुला है कभी भी फूट सकता है ।

3.   मनुष्य जीवन मिला है तो इस पर नाज मत किजिए क्योकी जीवन तो पानी का बुलबुला है ।

4.   राहुल हमेशा नई नई योजना लेकर आता रहता है और उसकी योजना पानी का बुलबुला की तरह ही होती है ।

5.   संतोष के पास धन का रहना पानी के बुलबुला होने के सामन है ।

6.   अरे आपने इस नालायक को एक लाख रूपय दे दिया आपको क्या पता नही इसके लिए धन मतलब पानी का बुलबुला ।

7.   रोज सुरज नया व्यापार शुरू करता है क्या उसके लिए प्रत्येक व्यापार पानी का बुलबुला है ।

पानी का बुलबुला होना मुहावरे पर कहानी || pani ka bulbula hona story on idiom in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक शहर के निकट गाव हुआ करता था और उस गाव के जो लोग थे वे काफी धार्मिक लोग थे और अपने धर्म के कारण से ईश्वर की पुजा करते थे और संतो का मान सम्मान किया करते थे । यहां तक की घर में आने वाले व्यक्ति को भगवान का ही रूप मानते थे ।

और इस तरह से उसकी सेवा करते थे जैसे मानो घर मे भगवान स्वयं आए हो । और सच कहे तो इस तरह से सेवा करने के कारण से लोगो के जीवन में काफी कुछ अच्छा होता रहता था ।

मगर बहुत से लोग वहां पर अमीर थे और उनके पास इतना अधिक धन था की वे अपने जीवन पर गर्व किया करते थे और गरीबो की मदद न कर कर उन्हे हमेशा छोटा दिखाने का काम करते थे और उन लोगो में केवल यही एक बुरी तरह की आदत थी । मगर एक दिन किसी संत ने उन्हे ऐसा ज्ञान दिया की मानो सभी ने इसी आदत को छोड दिया था ।

दरसल बात कुछ इस तरह से है की वहां पर एक दिन एक संत आया था जो की काफी प्रसिद्ध था और लोग उसके बारे में जानते थे लोगो को पता था की यह जो संत है वह लोगो को ज्ञान देने का काम करता है और लोगो को जीवन के अहम लक्ष्य के बारे में बता देता है जो जीवन में करना चाहिए उसके बारे मे बताता है ।

और यह सब बाते लोगो को वह बताता ही नही है बल्की करने को कहता है और इसी कारण से उस संत से लोगो ने कहा की महाराज हम सभी को ज्ञान दिया जाए । तब संत ने कहा क्यो नही मगर गाव के प्रत्येक व्यकित को आना होगा तभी यह संभव होगा ।

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और संत के कहने के कारण से अमीर गरीब सभी वहां पर पहुंच गए । अब संत जो था वह लोगो को ज्ञान देने की पूरी तयारी कर रहा था । मगर इसी के बिच में संत ने देखा की यहां पर अमीर और गरीब दो तरह के लोग रहते है क्योकी वहां पर जो अमीर थे वे तो चटाई बीछा कर बैठ गए थे

पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ

और जो गरीब थे वे रेत के अंदर ऐसे ही बैठ गए थे और यह सब देख कर संत को पता चल गया की अमीर लोगो को अमीरी पर नाज हो रहा है और इसी कारण से संत ने लोगो को इसी बारे में समझाने का फैसला लिया ।

संत ने एक महान साधू की कथा सुनाई जिसमें क्या होता है की साधू जो होता है वह अपने ज्ञान पर अभिमान करता है और इसी तरह से जीवन बिताता रहत है मगर एक दिन साधू की मृत्यु हो जाती है और इस तरह की कथा को सुनाने के बाद में संत ने सभी से पूछा की आप इस कथा से क्या समझे ।

तो बहुत से लोगो ने कहा की मृत्यु संत के लिए भी एक जैसी ही है मतलब मृत्यु सभी को आती है चाहे फिर कोई आम आदमी हो या साधू हो । और यह सुन कर संत ने कहा की हां आपने सही कहा मगर इस मृत्यु और जीवन के बिच में ज्ञान का अभिमान होना क्या सही है

 क्या उस साधू को अपने ज्ञान पर अभिमान करना चाहिए और उसने ऐसा किया था मगर यह अभिमान किसी काम का नही निकला और उसका जीवन नष्ट हो गया । ऐसा सुनने के बाद में लोग समझे नही तो संत ने कहा की इस बात का मतलब यह है की आप जो लोग हो उनमे अमीरी और गरीबी चल रही है

मगर यह किसी काम की नही है क्योकी सभी का जीवन एक जैसा है और एक दिन पानी का बुलबुला फूट जाएगा और उस दिन यह सब कुछ यही रह जाएगे । इस कारण से सभी को एक बात का ध्यान रखना है की किसी को भी अमीरी और गरीबी तरह का भेदभाव नही करना है ।

साधू ने लोगो को समझाते हुए कहा की कभी कभार ऐसा होता है की जो अमीर होता है उसके लिए भी धन पानी का बुलबुला बन जाता है जो की जल्द ही दूर हो जाता है तो कभी भी धन पर अभिमान नही करना चाहिए बल्की यह जीवन भी कुछ समय का है तो फिर इस जीवन से जुड़ी प्रत्येक वस्तु भी कुछ ही समय की है

इस कारण से हमेशा इस जीवन को महत्वपूर्ण मानना चाहिए और एक एक समय ​अच्छे कर्मों को कर कर बिताना चाहिए । और तरह से संत ने लोगो को ज्ञान दिया जिसके कारण से लोग समझ गए और ज्ञान की सभा का अंत हुआ ।

तो दोस्तो इस कहानी से आप समझ सकते है की पानी का बुलबुला होना मुहावरे का अर्थ क्षणभंगुर होना होता है।

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आपे से बाहर होना  माथे पर बल पड़ना   
आग में घी डालना  हाथ के तोते उड़ना
आँखों में धूल झोंकना  मिट्टी पलीद करना  
आँखें बिछाना  हाथ का मैल होना
आकाश पाताल एक करना  रंगे हाथों पकड़ना
अगर मगर करना  सीधे मुँह बात न करना
पहाड़ टूट पड़ना  प्रतिष्ठा पर आंच आना
आग लगने पर कुआँ खोदना  आँखे फटी रह जाना  
श्री गणेश करना  सिर ऊँचा करना
टस से मस न होना  ‌‌‌चोर चोर मौसेरे भाई
छोटा मुँह बड़ी बात  मर मिटना  
चोली दामन का साथ  ‌‌‌सहम जाना
गुदड़ी का लाल  घास खोदना  
गागर में सागर भरना  रफू चक्कर होना
कान पर जूं न रेंगना  अंतर के पट खोलना
आँखें फेर लेना  चादर से बाहर पैर पसारना
घाट घाट का पानी पीना  उन्नीस बीस का अंतर होना
बालू से तेल निकालना  सिर पर पाँव रखकर भागना  
अंग अंग ढीला होना  काठ की हांडी होना   
अक्ल के घोड़े दौड़ाना  एक लाठी से हाँकना
आवाज उठाना  भानुमती का पिटारा
मक्खी मारना  अंकुश रखना  निबंध व
चैन की बंशी बजाना  अंधी पीसे कुत्ता खाए
आग बबूला होना  का वर्षा जब कृषि सुखाने
भीगी बिल्ली बनना  नीम हकीम खतरे जान
जान हथेली पर रखना  अधजल गगरी छलकत जाए
लाल पीला होना  जैसा देश वैसा भेष मुहावरे
अंधे की लाठी  नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अंगूठा दिखाना  नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब  वाक्य
नौ दो ग्यारह होना  चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए
 चौकड़ी भरनाआव देखा न ताव
 हरी झंडी दिखानाथोथा चना बाजे घना  
 हथेली पर सरसों जमानातेल देखो, तेल की धार देखो   
 हाथ को हाथ न सूझना  छाती पर मूँग दलना
 चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाकंगाली में आटा गीला
 हाथ लगनाभूखे भजन न होय गोपाला
 हवा हो जानासाँच को आँच नहीं  
 हाथ खींचना ऐरा – गैरा नत्थू खैरा का
 हक्का-बक्का रह जाना पर उपदेश कुशल बहुतेरे

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।